19 Nov
19Nov
  • मेरी खाली झोली में दुआ के अल्फाज़ डाल दो,क्या पता तुम्हारे होठ हिले और मेरी तकदीर संवर जाए.
  • जो किस्मत में न हो वोह रोने से नहीं मिलता मगर दुआ से मिल जाता है.
  • काश उन को भी याद आऊँ में जुम्मा की दुआओं में जो अक्सर मुझसे कहते है दुआओं में याद रखना.
  • या अल्लह आज जुमा की नमाज़ के बाद जितने भी हाथ तेरी बारगाह में दुआ के लिये उठे है सब की दुवा कुबूल फरमा.
  • बाह रही अजीब हैं नादान-ए-दिल की खवाइश  या रब अमल कुछ नहीं और दिल तलबगार हैं जन्नत का! जुम्मा मुबारक.
  • अल्लाह एक मौका हमको भी दे सफर-ए-मक्का का, सुना हैं तेरे घर और जन्नत में कोई फर्क नहीं जुम्मा मुबारक.
  • “सुकून” और “प्यार”ये चार चीज़ें ज़िन्दगी मैं ख़ूबसूरत बनती हैं, अल्लाह पाक आप की ज़िन्दगी मैं किसी एक की भी कमी न करे. अमीन जुम्मा मुबारक.
  • बस यही गुजारिश है तुम से धन बरसे या न बरसे पर  रोटी या प्यार को कोई न तरसे.
  • पूरा जीवन बीत जाए ख़ुदा की बंदगी में, पाँचों वक्त का नमाज अदा हो इस जिंदगी में. जुम्मा मुबारक हो.
  • इबादत वो है जहां किसी का ज़िक्र ना हो, सिर्फ उस उपरवाले की रहमतों का शुक्र हो.
  • ए खुदा…बस यही गुजारिश है तुम से धन बरसे या न बरसे पर रोटी या प्यार को कोई न तरसे.
  • बाह रही अजीब हैं नादान-ए-दिल की खवाइश या रब अमल कुछ नहीं और दिल तलबगार हैं जन्नत का जुम्मा मुबारक.
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